कैसा है कश्मीर क्या हैं इसका भूगोल जाने धरती के स्वर्ग की पूरी कहानी


 जम्मू कश्मीर की बात तो सभी कभी करते हैं। और अधिकतर बात करने वालों से अगर इस राज्य के इतिहास के बारे में पूछ लो तो बगले झांकने लगते हैं। एक तरह से कश्मीर की इतिहास और भौगोलिक पहचान को भुलाकर दीगर मुद्दों पर चर्चा ज्यादा होती है। आखिर क्या हैंइस राज्य का भूगोल समझना और जानना ज़रुरी है।  जम्मू कश्मीर का भूगोल भौगोलिक स्थिति के लिहाज से देखा जाए तो  जम्मू कश्मीर में पांच समूह हैं। इनका आपस में कोई संबंध नहीं है। संबंध है तो सिर्फ इतना कि इनको महाराजा गुलाब सिंह ने एक रियासत का हिस्सा बना लिया। डोगरा राजवंश का इन पांच भौगोलिक हिस्सों का एक राज्य में बने रहना एकता की पहचान थी। जबकि इन अलग-अलग पांचों हिस्सों भाषा,संस्कृति बिलकुल अलग है। जम्मू अथवा डुग्गर प्रदेश इस राज्य का सबसे खास हिस्सा जम्मू है। भारतीय ग्रंथों के अनुसार जम्मू को डुग्गर प्रदेश कहा जाता है । राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू है। जम्मू संभाग में दस ज़िले हैं। जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा,पुंछ,राजौरी,रियासी,रामबन और किश्तबाड। जम्मू का कुल क्षेत्रफल 36315 वर्ग किमी है । इसके लगभग 13297 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर पाकिस्तान के कब्जे में है। यह क़ब्ज़ा उसने 1947-1948 के युद्ध के दौरान कर लिया था। जम्मू का मीरपुर पाकिस्तान के क़ब्ज़े में है। पुंछ शहर को छोडकर बाक़ी सारी पुंछ जागीर पाक के क़ब्ज़े में है। मुज्जफराबाद भी पाक के क़ब्ज़े में है। इस इलाके में कश्मीरी भाषा बोलने वालों की संख्या बहुत कम हैं। इस इलाके मूल लोग तो गुज्जर हैं या पंजाबी। भाषी लोग मिलेंगे । जम्मू के भिम्बर, कोटली, मीरपुर, पुंछहवेली, बाग़, सुधान्ती, मुज्जफराबाद,हट्टियां और हवेली ज़िले पाकिस्तान के क़ब्ज़े में हैं। पाकिस्तान के क़ब्ज़े बाले जम्मू प्रान्त के हिस्से में डोगरी और पंजाबी भाषा बोली जाती है। मुज्जफराबाद में लंहदी पंजाबी व गुज़री बोलते हैं। पाकिस्तान जम्मू के इसी क़ब्ज़ा किये गये हिस्से को आज़ाद कश्मीर कहता है। डोगरी भाषा और लोग डोगरा यहां की भाषा डोगरी है। यहां के मूल निवासियों को डोगरा कहते हैं। यह इलाका संस्कृति के हिसाब से पंजाब व हिमाचल के नज़दीक़ है। । विवाह शादियाँ भी पंजाब हिमाचल में होती रहती हैं। जम्मू को पंजाब-हिमाचल का विस्तार भी कहा जाता है। पंजाब में पठानकोट में रावी नदी के दूसरे किनारे से शुरु हुआ जम्मू का क्षेत्र पीर पंचाल की पहाड़ियों तक है। जम्मू में हिन्दुओं की संख्या काफी ज्यादा है। 67 फीसदी हिन्दु हैं । शेष 33 फीसदी में मुसलमान,गुज्जर,पहाड़ी आदि हैं। मुसलमानों में राजपूत मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। गुज्जर जनजाति समाज का हिस्सा हैं। इनकी पूजा पद्धति में इस्लाम,शैव,प्रकृति इत्यादि कई तत्वों को देखा जा सकता है। कश्मीर संभाग जम्मू संभाग पीर पंचाल की पर्वत श्रंखला में खत्म होता है। इस पहाड़ी के दूसरी ओर कश्मीर शुरु होता है । पहले इन दोनों संभागों का संबंध गर्मियों में ही जुड़ता था। सर्दियों में बर्फ़ के कारण दोनों संभाग कटे रहते थे। कश्मीर का क्षेत्रफल लगभग 16000 वर्ग किमी है। इसके दस जिले श्रीनगर,बडगाम,कुलगाम,पुलवामा,अनन्तनाग,कुपबाडा,बारामूला,शोपिया,गन्दरबल,बांडीपुरा हैं। कश्मीर संभाग की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 6907622 है। घाटी के अतिरिक्त बहुत बड़ा पर्वतीय इलाक़ा है,जिसमें पहाड़ी और गुज्जर रहते हैं। कश्मीर संभाग मुस्लिम बहुसंख्यक है। शिया लोगों की भी एक बड़ी संख्या है। पर्वतीय इलाक़ों में गुज्जरों की आबादी ज्यादा है। गुज्जरों की ही एक शाखा को बक्करबाल कहा जाता है। कश्मीरी भाषा केवल घाटी के हिन्दु या मुसलमान बोलते हैं। पर्वतीय इलाक़ों में गोजरी और पहाड़ी भाषा बोली जाती है। घाटी के मुसलमान सुन्नी हैं। बहावी और अहमदिया भी हैं। आतंकवाद का प्रभाव कश्मीर घाटी के कश्मीरी बोलने बाले सुन्नी मुसलमानों तक ही है।